कुल्लू / मनाली। दुनिया की सबसे ऊंची और एशिया की एकमात्र स्नो मैराथन लाहौल का चौथा संस्करण 23 मार्च 2025 को हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले के अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल पर स्थित सिस्सू में आयोजित किया जायेगा। लगभग 11 हजार फीट की ऊंचाई पर आयोजित होने वाला यह अनूठा आयोजन लंबी दूरी के रनर्स और अल्ट्रा रनर्स को चुनौती देता रहा है। इस वर्ष मैराथन में देश भर से 300 से भी अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जो कि चार श्रेणियों – 42 किलोमीटर (फुल मैराथन), 21 किलोमीटर (हाफ मैराथन), दस किलोमीटर और पांच किलोमीटर में एक दूसरे को टक्कर देंगें। यह आयोजन टॉप एंड्योरेंस एथलीट्स और एडवेंचर प्रेमियों को आकर्षित कर हाई एल्टीट्यूट स्नो मैराथन में भारत को ग्लोबल पहचान प्रदान करवाता है।
इंडियन एयरफोर्स के 20 जवान इस चुनौती को स्वीकार कर रहे है
स्नो मैराथन के पिछले एडीशंस में इंडियन आर्मी और इंडियन नेवी की व्यापक भागीदारी देखने को मिलती रही है। इस वर्ष इंडियन एयरफोर्स के 20 जवान इस चुनौती को स्वीकार कर रहे है। इंडियन आर्मी लद्दाख स्काउट्स, डोगरा और कुमाऊं रेजीमेंट के एथलीटों सहित 25 टाॅप रनर्स को स्नो मैराथन में भाग लेने के लिए भेज रही है। इसके अतिरिक्त आईटीबीपी और एसएसबी जैसे पैरा मिलिट्री फोर्स अपने रनर्स और आउटडोर एथलीटों के साथ अन्य को कंपीटिशन देंगीं। इस आयोजन को लाहौल और स्पीति जिला प्रशासन और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा समर्थन प्राप्त है। मैराथन को रेड बुल, टाईगर बाम (पेन रिलीफ पार्टनर), कैंपस शूज, बिसलेरी (हाईड्रेशन) पार्टनर, बान, फास्ट एंड अप (न्यूट्रिशन पार्टनर) और फोर्टिस होस्पिटल मोहाली (मेडिकल पार्टनर) सहित अन्य स्टेकहोल्डर्स द्वारा समर्थित है। रेड एफएम मैराथन का आधिकारिक रेडियो पार्टनर है।
लाहौल का विंटर वंडरलेंड रनर्स और एडवेंचर प्रेमियों के लिये एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है
आर्मी एवियेटर और स्नो मैराथन के इंवेंट चीफ कर्नल अरुण नटराजन ने इस आयोजन के पर्यावरणीय महत्व पर बल दिया कि लाहौल का विंटर वंडरलेंड रनर्स और एडवेंचर प्रेमियों के लिये एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। हालांकि पिघलते ग्लेश्यिर और घटती बर्फबारी तत्काल चिंता का विषय है। उन्होंनें उम्मीद जताई कि यह आयोजन नाजुक पर्यावरण की रक्षा के लिये तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता के विषय में जागरुकता बढ़ायेगा। इवेंट के संस्थापक और हिमालय संरक्षणवादी गौरव शिमर ने मैराथन के पर्यावरण संदेश पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भले ही यह रन उत्साही लोगों के लिये डिजाईन की गई है परन्तु इसका मुख्य उद्देश्य हिमालय और ट्रांस हिमालयी क्षेत्र के सामने आने वाली पारिस्थितिक चुनौतियों को उजागर करना है। इस तरह के उच्च और ठंडे सपोर्ट डेस्टीनेशन में भाग लेने वाले एथलीटों की किसी दुर्घटना से बचने के लिये सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। आयोजकों ने भरोसा दिलवाया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिये, फोर्टिस हॉस्पिटल की मेडिकल टीम आयोजन के दौरान मुस्तैद रहेगी।